आलसी गधा
भोला के पास खांड्या नाम का एक गधा है। भोला एक बहुत ही सहिष्णु और दयालु गुरु हैं। गधा आलसी होता है और हमेशा काम से बचने के तरीके ढूंढता रहता है।
एक बार अपनी पीठ पर नमक का भार लेकर लौटते समय, खांड्या नदी में गिर जाता है। उसे पता चलता है कि गिरने से बोरियों का वजन कम हो गया है क्योंकि नमक पानी में घुल गया है।
अगले कुछ दिनों में खांड्या जानबूझ कर रोज पानी में गिर जाता है। खांड्या के व्यवहार से भोला नाखुश है क्योंकि वह इस प्रक्रिया में पैसे खो रहा है। वह खांड्या को सबक सिखाने का फैसला करता है।
अगले दिन वह नमक की बोरियों के बजाय खांड्या को रुई के बोरों से लादता है। खांड्या बदलाव से अनजान हैं। योजना के अनुसार, वह पानी में गिर जाता है और बैगों को गीला कर देता है। बोझ को असहनीय पाकर वह हैरान है। उसका मालिक भी उसे पीटना शुरू कर देता है।
खांड्या अपना सबक सीखता है और व्यवहार करना शुरू कर देता है।
Moral: ईमानदारी और ईमानदारी से काम लें क्योंकि आलस्य आपको बर्बाद कर देगा।
Very nice story
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