चाणक्य नीति
आचार्य चाणक्य के अनुसार -
हमें इनके साथ बहुत ही सावधानी से पेश आना चाहिए,
१) अग्नि
२) पानी
३) औरत
४) मूर्ख
५) सांप
६) राज परिवार के सदस्य
जब जब हम इनके संपर्क में आते हैं ,
क्यों की ये हमे एक झटके में मौत तक पहुंचा सकते है।
संचित धन खर्च करने से बढ़ता है,
उसी प्रकार जैसे ताजा जल जो अभी आया है बचता है ,यदि पुराने स्थिर जल को निकाल बहार किया जाए।
पत्नी का विरोध होना ,
अपने ही लोगो से बे इज्ज़त होना ,
बचा हुआ ऋण,
दुष्ट राजा की सेवा करना ,
गरीबी एवम् दरिद्रो की सभा
ये छः बाते शरीर को बिना अग्नि के जला देती हैं।
काल सभी जीवों को निपुणता प्रदान करता है वही सभी जीवों का संहार भी करता है,वह जागता रहता है ,जब सब सो जाते हैं काल को कोई जीत नहीं सकता।
जिस तरह सारा वन केवल एक ही पुष्प की सुगन्ध भरे व्रक्ष से महक जाता हैं ,उसी तरह एक ही गुणवान पुत्र कुल का नाम बढ़ता है।
Very good
जवाब देंहटाएंGjb osm
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