चाणक्य नीति की प्रेम नीति आचार्य चाणक्य के विचार

चाणक्य नीति की प्रेम नीति
     Knowledge and Motivation for life       
           
1. पांच साल तक पुत्र को लाड एवम प्यार से पालन करना चाहिए ,  दस साल तक उसे छड़ी की मार से डराये लेकिन जब वह 16 साल का हो जाए , तो उससे मित्र के समान व्यवहार करे।।

2. कोई भी व्यक्ति अपने कार्यों से महान होता है ,
             अपने। जन्म से नहीं ।



3. लाड - प्यार से बच्चो में गलत आदतें ढलती है ,               उन्हे कड़ी शिक्षा देने से वे अच्छी
      आदतें  सीखते हैं  ज्यादा लाड ना करे ।।



4.     अच्छा दिल और अच्छा स्वभाव दोनो                                   आवश्यक  है ,
           अच्छे दिल से कई रिश्ते  बनेंगे 
    अच्छे स्वभाव से  जीवन भर टीके रहेंगे।



5.     पुत्र वही है जो पिता का कहना मानता 
                                हो ,
        पिता वही है जो पुत्रो का पालन पोषण 
                              करे ,
   मित्र वही है जिस पर आप विश्वास कर सकते हो
                             और ,
         पत्नी वही है जिससे सुख प्राप्त हो ।




6.  जिस तरह सारा  वन केवल एक सुगन्ध भरे   वृक्ष  से महक जाता हैं , उसी तरह एक ही गुणवान पुत्र पूरे कुल का नाम बढ़ाता है।।



7. सभी जीव मीठे वचनों से आंनदित  होते हैं ,
        इसलिए हम सबसे मीठे वचन कहे 
        मीठे वचन की कोई कमी नही है।।



8. बुद्धिमान पिता को अपने पुत्रो को शुभ  गुणों 
               की सीख देनी चाहिए  ,
   क्योंकि नितिज्ञ और ज्ञानी व्यक्तियों की ही 
               कूल में पूजा होती हैं।। 
         

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