चाणक्य नीति चाणक्य के अनुसार

           चाणक्य नीति



 

    चाणक्य के अनुसार 


1 )       जिस    से  प्रेम  होता है , उसी से भय  होता है |

प्रेम ही सारे दुखों का मूल है ,

अतः  प्रेम बंधनों  को तोड़कर सुखपूर्वक रहना चाहिए \



2)  शत्रु चाहे  कितना  बलवान हो  ; यदि अनेक 

छोटे छोटे व्यक्ति भी  मिलकर उसका सामना  करे तो उसे हरा देते है |

छोटे -छोटे तिनके से बना हुवा छप्पर 

मूसलाधार बरसती हुई  वर्षा  को भी रोक देता है |

वास्तव मे एकता मे बड़ी शक्ति है |


3) जब कोई धोका दे जाए तो शांत रहिए , क्युकी जिन्हे हम जवाब नहीं देते है 

उन्हे वक्त  अपने आप जवाब देता है , 

और अगर आपका नसीब अच्छा हुवा तो वक्त द्वारा दिए गए 

काठोर जवाब के आप खुद साक्षी  भी बनोगे |


4) '' दुष्ट इंसान की मीठी बातों  पर कभी भरोसा मत करो |

वो अपना ,मूल स्वभाव कभी नहीं छोड़ सकता ,

जैसे  शेर कभी भी हिंसा नहीं छोड़ सकता "


5) बच्चे को उपहार न दिया जाए तो वह कुछ ही 

समय रोएगा , मगर  संस्कार ना  दिए जाए 

तो  वह जीवन भर रोएगा |

6)      कुए मे उतरने वाली बाल्टी यदि  झुकती है तो ,

भर  कर बाहर आती है 

जीवन का भी यही गणित है जो झुकता है वह प्राप्त करता है 

दादागिरी तो हम मरने के बाद भी करेंगे  लोग पैदल चलेंगे और 

हम कंधों पर ||



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