नशा आदि बुरी आदतें छुड़ाना

 नशा आदि बुरी आदतें छुड़ाना 


बीड़ी/ तम्बाकू या धूम्रपान की आदत छुड़ाने के लिए)

(1) 100 ग्राम अजवायन और 100 ग्राम बड़ी सौंफ लेकर दोनों को खूब साफ कर लें और इसमें 60 ग्राम काला नमक मिलाकर इन तीनों चीजों को पीस लें। तत्पश्चात इस मिश्रण में दो नींबू का रस मिलाकर रात भर रखा रहने दें। दूसरे दिन प्रातः इस मिश्रण को तवे पर धीमी आंच पर सुखाकर साफ शीशी में भरकर रख लें अथवा गर्म पानी का छींटा देकर चने के बराबर गोलियां बनाकर सुरक्षित कर लें। बस दवा तैयार है। जब भी धूम्रपान या तम्बाकू की इच्छा या तलब हो, तब थोड़ा चूर्ण लेकर मुंह में डालकर चबाएं अथवा बीड़ी-तम्बाकू की इच्छा जगने पर 2-2 गोली दिन में 4-6 बार चूसें। ऐसा कुछ दिन लगातार करने से यह बुरी आदत अपने आप छूट जायेगी।
नशा आदि बुरी आदतें छुड़ाना


 
(2) प्याज का रस (25 ग्राम) नियमित रूप से एक बार सेवन करने से तम्बाकू का विष उतर जाता है और तम्बाकू खाने की आदत धीरे-धीरे छूट जाती है। 

(3) बीड़ी-सिगरेट छुड़ाने के लिए दालचीनी को बारीक पीसकर शहद में मिलाकर एक डिब्बी या कांच की शीशी में रख लें। जब बीड़ी-सिगरेट की तलब लगे, तब एक अंगुली यह औषधि चाट लें।

            अफीम की आदत छुड़ाने के लिए

(1) अफीम खाना एकदम से न छोड़कर जरा-जरा सी नित्य घटा-घटाकर खाने से अफीम की आदत छूट जाती है और अधिक वेदना भी नहीं होती कि रोगी सहन न कर सके। घी-दूध आदि तरल पदार्थ खूब ले। कुछ दिनों में ही कफीम छूट जाने पर खुशी होगी।

(2) अफीम खाने वाले व्यक्ति को केवल अजवायन (तलब पर दो-तीन चुटकी से मात्रा में) सेवन करने से अफीम के विकार नहीं होते तथा धीरे-धीरे अफीम खाने की आदत छूट जाती है।

            शराब की आदत छुड़ाने के लिए

(1) 25 ग्राम सौंफ को पानी में गलाकर उसका अर्क निकालकर, 1 चम्मच अर्क शराब में डालकर पीने से शराब का नशा चढ़ता नहीं है। यह प्रयोग 15 दिन करने से शराबी शराब छोड़ देगा! 

(2) सेब का रस बार-बार पीने से तथा भोजन के साथ सेब खाने से अर्थात्  सेब का अधिक प्रयोग करने से शराब की आदत छूट जाती है। इसके अतिरिक्त इससे अफीम आदि व्यसन भी दूर होते हैं।

 (3) उबले हुए सेबों को यदि दिन में तीन-चार बार सेवन किया जाए तो कुछ ही दिनों में शराबियों की शराब पीने की आदत छूट जाती है और प्रत्येक नशीली चीज से घृणा उत्पन्न हो जाती है।

            चाय की आदत छुड़ाने के लिए

एक लौंग, दो काली मिर्च और चार तुलसी की पत्तियों को एक पाव पानी में उबालने के बाद कुछ दूध-मिश्री मिलाकर चाय के स्थान पर इसका प्रयोग, दिन में दो तीन बार करने से चाय की आदत से मुक्ति मिल सकती है। आप चाहें तो इसे बिना दूध या मीठा मिलाए ही सेवन कर सकते हैं। लौंग कदाचित् किसी को माफिक न आए तो उसके स्थान पर एक-दो ग्राम अदरक कुचल कर मिला सकते हैं।

                  विभिन्न नशे छुड़ाने के लिए

 अफीम, चरस, गांजा, स्मैक, तम्बाकू, बीड़ी, सिगरेट की आदत छुड़ाने के लिए - 
  (1) माजूफल 
  (2) पठानी लोध
 (3) बहेड़ा की छाल
 (4) छोटी इलायची
(5) सफेद मूसली
 (6) कमर कस (ढाक-पलास का गोंद)
 (7) काली सुपारी

के फूल- इन सात औषधियों के चूर्ण को समभाग मिलाकर रख लें। यही सप्तगुणा वटी है।
 सप्तगुणा वटी बनाने के लिए सप्तगुणा चूर्ण को दूध के योग से हथेली पर मल मलकर बड़े मटर के आकार की गोलियां बना लें।

सेवन विधिः सप्तगुणा चूर्ण में समभाग पिसी हुई मिश्री मिलाकर आधा चम्मच (2 ग्राम) की मात्रा में दूध या पानी के साथ नित्य प्रातः लें। सात दिन लगातार औषधि सेवन करने के बाद अगले सात दिन के लिए औषधि लेना बन्द कर दें, क्योंकि कभी-कभी औषधि खुश्की पैदा करती है। इस प्रकार एक सप्ताह दवा लेकर एक सप्ताह छोड़ते हुए तीन-चार सप्ताह तक लें।

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