चाणक्य नीति , शिक्षा नीति ,शुभ विचार

           चाणक्य नीति
            शिक्षा नीति

1) शिक्षा इंसान का सबसे अच्छा दोस्त ही है।
       एक शिक्षित व्यक्ति हर जगह सम्मान पाता है।
शिक्षा सौंदर्य को भी पराजित कर सकता है ।।




२)। जब तक तुम दौड़ने का साहस नहीं जुटाओगे,
        प्रतिस्पर्धा में जीतना आपके लिए असंभव बना रहेगा ।।
३) विद्या अर्जित करना यह एक कामधेनु के समान है। तो हर मौसम में अमृत प्रदान करता है।
   वह विदेश में माता-पिता के समान रक्षक एवम हितकारी होते हैं। इसलिए विद्या को एक गुप्त धन कहा जाता है।




४) यदि आदमी उपकरण का सहारा ले तो गर्भजल से पानी निकाल सकते हैं।
  उसी तरह यदि विद्यार्थी अपने गुरु की सेवा करे, तो गुरु के पास जो ज्ञान निधि है उसे प्राप्त है।

५) इस दुनिया में वह बोनस नहीं है जो आपको आपके सदगुरु ने ज्ञान का एक अक्षर दिया, उसके कर्ज से मुक्त कर सके।




६) बुद्धि से पैसा कमाया जा सकता है ,, 
     न की धन से बुद्धि हासिल की हो सकती है।

होता) सिर्फ पानी से नहाने वाला कभी सफल नहीं होता और न ही सफल होता है,
पसीने से स्नान वाले ही दुनिया बदल रहे हैं।




८)। शेर से यह बढ़िया बात सीखना
       की तुम जो भी करना चाहते हो एक एकदिली से और जबरदस्त प्रयास से करे ।।

९) वर्षा के जल के समान कोई जल नहीं,
     स्वयं की शक्ति के समान कोई शक्ति नहीं,
    नेत्र ज्योति के समान कोई प्रकाश नहीं,
     अन्नं से बढ़कर कोई संपत्ति नहीं ।।

 

   

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