सिर ( मस्तिष्क के रोग )
सिरदर्द
सिरदर्द
सिरदर्द होंने के कई कारण होते हैं । कब्ज रहना , गैस बढ़ाना , उच्च रक्त चाप होना , आखों की ज्योति कमजोर होना , अति जागरण , अति परिश्रम , शरीर का कमज़ोर होना आदि कारणों से सिरदर्द होता है। सामान्य रूप से सिरदर्द होने पर निम्नलिखित कोई एक उपाय करना चाहिए __
1) अमृत धारा 4 बूंद एक बताशे पर टपका कर खाने और 2 बूंद रुमाल पर लगाकर सूंघने से सिरदर्द ठीक हो जाता हैं।
2) चंदन पानी में घिसकर माथे पर लेप करने से गर्मी के कारण होने वाले सिरदर्द में लाभ होता है।
3) तिल का शुद्ध तेल 250 मि. ली. , चंदन का असली तेल 10 मि.ली. , दाल चीनी का तेल 10मि. ली. ,और कपूर 5 ग्राम इन सबको मिलाकर एक शीशी में भर ले ।इस तेल को माथे पर लगाने से सिरदर्द में तुरंत आराम मिलता है।
4) दो चम्मच आंवला चूर्ण में एक चम्मच शुद्ध घी मिलाकर खा ले , ऊपर से एक गिलास गुनगुना दूध पी जाए ।
5) रोज सुबह खाली पेट एक मीठा सेब काटकर , नमक लगाकर चबाकर खाने से पुराना सिरदर्द दूर हो जाता है । यह प्रयोग दस दिन तक लगातार करे ।
6) नींबू के पत्तो का रस निकालकर नाक में दोनो तरफ टपकाने से सिरदर्द ठीक हो जाता है।
याददाश्त की कमी
50ग्राम भुना चुना और 10ग्राम सुखा धनिया लेकर कूट पीसकर पाउडर बना लें । स्वाद के लिए थोड़ी शक्कर मिला ले। फिर देसी घी में मिलाकर कांच के बर्तन में रख ले । रात को सोते समय 25ग्राम की मात्रा में लेकर गुनगुने दूध के साथ सेवन करे।
दिमागी ताकत बढ़ाना
1) एक किलो गाजर कद्दूकस कर , चार किलो दूध में पका लें। फिर उसमे एक पाव देशी घी और दस बादाम डालकर भूनें और कांच के बर्तन में भरकर रख ले ।रोजाना पचास ग्राम खाकर ऊपर से दूध पी ले ।एक महीने खाने से दिमाग को ताकत मिलेगी ।
2) सुखा धनिया , खसखस के दाने दोनो को समान मात्रा में लेकर कूट पीस कर महीन (बारीक ) पीस ले । इसके बराबर वजन की मिश्री पीसकर इसमें मिला ले । एक एक चम्मच की मात्रा में प्रातः 9 बजे व भोजन के बाद रात को 9 बजे गुनगुने गर्म मीठे दूध या जल के साथ नियमपूर्वक सेवन करें।इसके सेवन से स्मरण शक्ति , नेत्र ज्योति और नींद अच्छी आती है।
चक्कर आना
1) सुखा आंवला छह ग्राम , धनिया सुखा दाने वाला छह ग्राम लेकर अधकुट करके रात में मिट्टी के बर्तन में अढ़ाई सौ ग्राम पानी में भीगो दे। प्रातः मसलकर और छानकर , दो चम्मच पिसी हुई मिश्री मिलाकर पीने से चक्कर आना बन्द हो जाता है।
चाहे वो किसी भी कारण से आते हो ।
2) यदि पेट की गड़बड़ी के कारण चक्कर आते हो, तो आधा गिलास गर्म पानी में एक नींबू निचोड़कर पीने से लाभ मिलता हैं।
3) पच्चीस ग्राम मुंनक्को को देशी घी मे सेकंकर और सेंधा नमक डालकर खाने से चक्कर आना बंद हो जाता हैं।
4) यदि गर्मियों में चक्कर आते हो, जी घबराता हो तो आवले का शर्बत पीने से लाभ होता हैं।
आधे सिर (सीसी) का दर्द
1) सिर के जिस तरफ के भाग में दर्द हो , उस तरफ के नथुने में छह आठ बूंद सरसो का तेल डालने अथवा सूंघने से दर्द एकदम बंद हो जायेगा ।
यह क्रिया चार पांच दिन करने से आधा सीसी का दर्द सदा के लिए दूर हो जाएगा ।
2) देशी घी को दो चार बूंदे नाक में रूई से टपकाने से अथवा सूंघने से आधा सीसी का दर्द जड़ से खत्म हो जाता है। इस प्रक्रिया को कम से कम एक सप्ताह अवश्य करें।
3)लहसुन को पीसकर दर्द वाले भाग पर मलने से दर्द जल्दी ठीक हो जाता है । इस प्रयोग को कई बार भी करना पड़ सकता हैं।
मिरगी
स्नायु संबंधी रोगों में मिरगी को सबसे भयानक रोग माना जाता है।इसका दौरा कभी भी और कहीं भी पद जाता है।इसके रोगी को आग से , कुएं , तालाब ,नदी , पुल ,। रेलवे लाइन , बीच सड़क पर कभी भी अकेले नही जाने देना चाहिए तथा किसी भी किस्म की गाड़ी भी नही चलाने देना चाहिए ।
1) तीस औस प्याज का रस सुबह के समय थोड़ा सा पानी मिलाकर पीने से मिरगी का दौरा पड़ना बंद हो जाता है।सवा महीने तक प्याज का रस अवश्य लेंना चाहिए ।
यदि रोगी को दौरा पड़ा हो ,तो प्याज का रस नथुनों पर लगा देने से वो होश में आ जाता है।
2) लहसुन को कूट कर सुंघाने से मिरगी के रोगी को होश आ जाता हैं।
3) राई को पीसकर सुंघाने से मिरगी के रोगी की
बेहोशी टूट जाती हैं।
Tags
हेल्थटिप्स