क्यों होती है बार - बार सीने में जलन

क्यों होती है बार - बार सीने में जलन

  क्यों होती है बार - बार सीने में जलन ?
आखिर ऐसा क्या कारण की बार बार सीने में जलन होती है? ऐसा क्या होता है की सीने में जलन होती है? 
आईए जानते इसके कारण को और  इसके  घरेलू उपाय के बारे में _
Kyu hoti he baar baar sine me jalan esa kya karan he



जब भोजन मुंह में प्रवेश करता है, तब लार भोजन में उपस्थित स्टार्च को छोटे-छोटे अणुओं में तोड़ने लगती है।

इसके बाद भोजन इसोफैगस (भोजन नली)से होता हुआ पेट में जाता है, जहां पेट की अंदरूनी परत भोजन को पचाने के लिए पाचक उत्पाद बनाती है।

इसमें से एक स्टमक एसिड है। कईं लोगों में लोवर इसोफैगियल स्फिंक्टर (एलईएस) ठीक से बंद नहीं होता और अक्सर खुला रह जाता है।

जिससे पेट का एसिड वापस बहकर इसोफैगस में चला जाता है। इससे छाती में दर्द और तेज जलन होती है। इसे ही जीईआरडी या एसिड रिफ्लक्स कहते हैं।

 कभी न कभी हर किसी को इस समस्या का सामना करना पड़ जाता है। अधिकतर लोगों को यह समझ में नहीं आता कि हार्ट बर्न और एसिड रिफ्लक्स में क्या अंतर है।

 एसिड का इसोफैगस में पहुंचना एसिड रिफ्लक्स है, इसमें दर्द नहीं होता। जबकि हार्ट बर्न में छाती के बीच में दर्द, जकड़न और बेचैनी होती है।

 यह तब होता है जब इसोफैगस की अंदरूनी परत नष्ट हो जाती है। एसिड रिफ्लक्स बिना हार्ट बर्न के हो सकता है, पर हार्ट बर्न बिना एसिड रिफ्लक्स के नहीं हो सकता।

एसिड रिफ्लक्स कारण है और हार्ट बर्न उसका प्रभाव है। सामान्य से अधिक मात्र में एसिड स्राव होने को जोलिंगर एलिसन सिंड्रोम कहते हैं।

यहां यह समझना जरूरी है कि एसिड हमारे लिए बहुत उपयोगी है। जैसे पेप्सिन एंजाइम, प्रोटीन के पाचन के लिए आवश्यक है। 

पेट की अंदरूनी परत से स्रावित हाइड्रोक्लोरिक एसिड भी कईं भोज्य पदार्थों के पाचन के लिए जरूरी है। ये एसिड अग्नाश्य को ठीक रखने के लिए जरूरी होते हैं।

एसिडिटी के कारण 

शारीरिक रूप से सक्रिय न रहना, नियत समय पर खाना न खाना और सामान्य से अधिक वजन होना एसिडिटी बढ़ाता है।

पेट पर दबाव पड़ना। यह मोटापा, गर्भावस्था, बेहद तंग कपड़े पहनने से हो सकता है।

हर्निया और स्क्लेरोडर्मा भी वजह हो सकती है।

खाना खाने के तुरंत बाद सो जाना।

मसालेदार भोजन, जूस, खट्टे फल, लहसुन, टमाटर आदि का अधिक मात्रा में सेवन।

धूम्रपान और तनाव से भी एसिडिटी होती है।

कुछ दवाएं जैसे एस्प्रिन, नींद की गोलियां और पेन किलर एसिडिटी के कारक का काम करती हैं। लक्षण छाती में दर्द: छाती में दर्द तब होता है जब पेट का एसिड इसोफैगस में पहुंच जाता है।

इस स्थिति में तुरंत डॉक्टर को दिखाना बेहतर होगा। गले में खराश: पाचन तंत्र की समस्याओं के कारण भी गले की खराश हो सकती है। 

बिना सर्दी-जुकाम अगर खाने के बाद गले में दर्द होता है तो इसका कारण एसिड रिफ्लक्स हो सकता है।

चक्कर आना: कई बार एसिडिटी के लक्षण चक्कर आने के रूप में भी दिखायी देते हैं।

लार का अधिक स्राव: मुंह में अचानक लार का स्राव बढ़ने से एसिड रिफ्लक्स हो सकता है।

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